सरकार (Government) के इस फैसले का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को होगा। शादी और बच्चों के चलते वे नौकरी छोड़ देती थीं। अब दोबारा आसानी से नौकरी पा सकेंगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा उम्र भर के लिए मान्य करने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन ने बीते दिनों राज्यों को लिखित निर्देश जारी किए थे। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इसे लागू करने का फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षक बनने के लिए सभी श्रेणियों का टेट पास होना इसी वर्ष से अनिवार्य कर दिया जाएगा। अभी जेबीटी और टीजीटी के लिए ही शिक्षक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी है। प्रवक्ता, डीपीई सहित कई अन्य श्रेणियों को भी टेट के दायरे में लाने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में नई व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे आने वाले महीनों में मंजूरी के लिए कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी बदलाव के लिए सरकार के स्तर पर मंथन शुरू हो गया है।
नए प्रस्ताव में टेट की दो परीक्षाएं लेने की तैयारी है। पहली परीक्षा प्रदेश से संबंधित जानकारियों, सामान्य ज्ञान और बीएड की पढ़ाई पर आधारित होगी। दूसरी परीक्षा सिलेबस से संबंधित होगी। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर में की गई विषय वार पढ़ाई को शामिल किया जाएगा। प्रदेश में शिक्षा पात्रता परीक्षा का जिम्मा अभी राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपा है।