मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने मजाकिया तौर पर यह बात कही थी. उनकी कोई दुर्भावना नहीं थी और उनके बयान से कोई आहत हुआ है तो वह अपना बयान वापस लेते हैं. उन्होंने कहा कि जब बंजार में पौढ़िया चढ रहा था तो किसी ने कहा कि कोरोना काल में सभी ने काम किया. मेरी ऐसी भावना नहीं थी कि किसी वर्ग विशेष को लेकर कुछ कहूं. उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं. इस दौरान मंडी लोकसभा उपचुनाव को लेकर महेंद्र सिंह ने कहा कि हाईकमान तय करेगा कि यहां से कौन उम्मीदवार होगा और संगठन और हाईकमान का यह अधिकार है।
जनसभा में महेंद्र सिंह ने कोरोना काल में सेवाएं देने वाले मास्टरों की जमकर खिल्ली उड़ाई. जल शक्ति मंत्री ने बीते शनिवार को बंजार में जनसभा के दौरान कहा, “जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों ने काम किया, लेकिन दूसरे विभागों के कर्मचारियों ने खूब मजे किए. इस दौरान मास्टरों ने बहुत ही ज्यादा मजे किए. फिर फ्रंटलाइन वर्कर बन गए कि उनको सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाए, पता नहीं उन्होंने क्या काम किया यह तो ईश्वर ही जानता है.” मंत्री का इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है और अब इसको लेकर विवाद हो गया है. शिक्षक संघ से लेकर सोशल मीडिया और कांग्रेस ने मंत्री के बयान की निंदा की है. बयान के बाद से ही शिक्षक संघों के नेताओं ने मंत्री के बयान की निंदा की और कहा कि वह अपनी बात पर खेद व्यक्त करें. वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी उनके बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने महेंद्र सिंह के इस बयान को लेकर भी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्री जहां अपने विभाग के कर्मचारियों की पीठ थपथपाते नहीं थकते, वहीं दूसरे विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर विवादित बयान देकर उनका मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं. बता दें कि महेंद्र सिंह मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा से हैं. वह लगातार पांच बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. 1998 के बाद से वह लगातार चुनाव जीत रहे हैं. हालांकि, वह अक्सर विवादों से चर्चा में रहते हैं।