इस दौरान उसी के गांव के युवक ने उसका पीछा किया। नाले के पास पहुंचने के बाद उसने पहले युवती के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। इस पर जब वह चिल्लाई को दिनेश ने युवती का पहले गला दबा दिया और उसके बाद उसे पानी में डूबोकर उसकी हत्या कर दी। घटना के अगले दिन युवती का शव नाले में मिला। पुलिस की प्रारंभिक जांच में हत्या का कोई भी साक्ष्य नहीं मिलने के चलते और स्वजनों की ओर से किसी तरह का कोई शक जाहिर न करने को देखते हुए पुलिस ने सी.आर.पी.सी. की धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए केस बंद कर दिया। वारदात के कुछ समय के बाद आरोपी ने अपने एक दोस्त को हत्या के बारे में बताया। दोस्त ने आरोपी की सारी बातें रिकार्ड कर ली थीं और रिकार्डिंग को इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
जैसे ही रिकार्डिंग मृतका के भाई के पास पहुंची तो उसने 5 अगस्त 2015 को भवारना थाना में केस दर्ज करवाया। पुलिस की कार्रवाई की दौरान वायरल रिकार्डिंग और आरोपी की आवाज की जांच में पाया गया कि यह आरोपी की ही आवाज है और उसने भी जुर्म कबूल कर लिया। जिस पर पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस कार्रवाई के बाद न्यायालय में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी अतिरिक्त जिला न्यायवादी एल.एम. शर्मा ने की।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 29 गवाह पेश किए गए। गवाहों के ब्यानों के आधार पर दोषी को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है। वहीं न्यायालय ने यह भी आदेश दिए हैं कि जुर्माना राशि से 30 हजार रुपए पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे।