बताया जा रहा है कि सीता देवी की तीन बेटियां व एक बेटा है जोकि दिव्यांग है। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। इसी कारण सीता देवी का यह दामाद सुरेश कुमार घर जमाई बन कर वहीं रहता था। सुरेश कुमार पहले बद्दी में स्थित एक निजी कंपनी में नौकरी करता था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाऊन में उसके दामाद की नौकरी चली गई थी। नौकरी से हाथ धोने के चलते तब से उसका दामाद यहीं घर पर रहता था। सीता देवी की बेटी आंगनबाड़ी में अध्यापिका है। बताया जा रहा है कि सीता देवी के दामाद ने शनिवार दोपहर को अपनी सास को खाना देने के लिए कहा लेकिन उस समय खाना बना नहीं था।
इसी बात को लेकर सास व दामाद में काफी बहसबाजी हो गई और दामाद ने तैश में आकर रसोईघर में आग जलाने के लिए रखी लोहे की पाइप (फूंकनी) से अपनी सास पर हमला कर दिया। हमले से घायल सीता देवी को बाद में क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर पहुंचाया गया जहां पर तैनात चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया लेकिन महिला की रास्ते में ही मौत हो गई।
वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल भेज दिया है। इस घटना के बाद से सीता देवी का दामाद घर से भाग गया जिसके बाद पुलिस ने उसके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर उसे एक नाले से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। डीएसपी हैडक्वार्टर राज कुमार ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने आरोपी दामाद को गिरफ्तार कर लिया है।