सरकार के निर्देशों के मुताबिक कोरोना से बचाव के लिए जीवित लोगों को वैक्सीन लगाने की बात कही गई है. लेकिन सरकारी अधिकारियों की लगन तो देखिए वो मृत लोगों तक भी कोरोना वैक्सीन पहुंचाने में कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
कांगड़ा के बदाहू में कागजी कार्रवाई पूरा करने के चक्कर में एक मृत व्यक्ति को भी कोरोना वैक्सीन की डोज लगा दी गई. सरकार के निर्देशों के मुताबिक कोरोना से बचाव के लिए जीवित लोगों को वैक्सीन लगाने की बात कही गई है. लेकिन सरकारी अधिकारियों की लगन तो देखिए वो मृत लोगों तक भी कोरोना वैक्सीन पहुंचाने में कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
क्या है मामला?
कांगड़ा के गंदर पंचायत में रहने वाले सोंकी राम की मौत लगभग 45 बर्ष पहले हो गई थी. उनके बेटे जगदीश चंद ने बताया कि कोविड की दूसरी डोज के लिए जब बो पंचायत बंदहु में 24जुलाई 2021 को टीका केंद्र में गए थे वहां मौजूद कर्मचारियों ने मेरे बार बार कहने के बावजूद की मेरा नाम जगदीश चंद है और उनको आधार और वोटर कार्ड भी दिया परंतु मेरी बात को ना सुनकर मेरे नाम की जगह मेरे मृत पिता का नाम अंकित कर दिया। मेरे बिरोध करने पर भी जबरदस्ती मेरे मृत पिता का नाम अंकित कर दीया। कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता आपका नाम हो या आपके पिता का।
ऐसे में गंभीर सवाल यह है कि यह केवल सरकारी लापरवाही का मामला है या मृतक के नाम पर वैक्सीन कहीं और दी जा रही है. या सरकार को जानबूझ कर बदनाम करने की हो रही साजिश मामले की जांच होनी चाहिए।