कुल्लू : आज के समय में वाहनों के सड़कों पर दौड़ने से जहां प्रदूषण बढ़ रहा है। तो वही लोग भी वाहनों के अभ्यस्त होकर कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। ऐसे में साइकिल पर सफर कर पश्चिम बंगाल के कोलकाता का रहने वाला पोरिमल कांजी लोगों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे रहा है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जनवरी माह में अपना सफर साइकिल पर शुरू करने वाले पोरिमल कांजी देश के 12 से अधिक राज्यों का सफर पूरा कर चुके हैं।
वहीं जम्मू-कश्मीर के लेह लद्दाख के चार ऊँचे दर्रो को पाकर वह अब कुल्लू पहुंचे हैं। घूमने की चाहत को लेकर पोरिमल कांजी ने अपना सफर जनवरी माह में कोलकाता से शुरू किया था और अब वह हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड नेपाल से होते हुए वापस कोलकाता का रुख करेंगे। कुल्लू पहुंचे पोरिमल का कहना है कि बचपन से ही उनके घूमने की चाहत थी और अब वह साइकिल पर करीब 15000 किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके हैं। पेशे से प्रेशर कुकर की मरम्मत का काम करने वाले कांजी का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान उन्होंने 2 महीने श्रीनगर में ही गुजारे और लॉकडाउन में छूट मिलते ही एक बार फिर से उन्होंने अपना सफर शुरू किया।
उनका कहना है कि जब उन्होंने पहली बार स्कूटर खरीदा था तो उस समय पेट्रोल की कीमत 16 रुपए थी जो आज 100 रुपए तक पहुंच गई है। ऐसे में गरीबों का वाहन चलाने का सपना अब सपना ही नजर आ रहा है। लोग भी 2 किलोमीटर के सफर के लिए भी गाड़ियों में ही सफर करते हैं जिस कारण वह कई बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। विभिन्न राज्यों की संस्कृति खान-पान को जानने के साथ-साथ और पोरिमल लोगों को साईकिल से सफर करने की प्रेरणा भी दे रहे हैं ताकि वे विभिन्न बीमारियों से बचे रह सके।
पोरिमल कांजी का कहना है कि वह रात को सड़क किनारे अपना तंबू गाड़ देते हैं और स्थानीय लोगों के द्वारा उन्हें जो खाना मुहैया करवाया जाता है। उसे ही वे खाते हैं। ताकि भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, खान पान के बारे में जानकारी हासिल कर सके।