हिमाचल प्रदेश में नई आबकारी नीति एक जुलाई से लागू हो गई है. 31 मार्च, 2022 तक नौ महीने के दौरान यह नई नीति लागू रहेगी. नई नीति के तहत लाइसेंस फीस और एक्साइज ड्यूटी कम होने से देशी और भारत में निर्मित विदेशी शराब के कम कीमत वाले ब्रांड सस्ते होंगे. लोगों की सहूलियत के लिए इस साल डिपार्टमेंटल स्टोर में भी कुछ शर्तों के साथ शराब बिक सकेगी. विदेशी और महंगी शराब की उपलब्धता बनाए रखने के लिए थोक विक्रेताओं को अब किसी स्टेट कस्टम बांडेड वेयरहाउस से शराब लेने की छूट दी गई है. नई नीति से सरकार को पिछले साल की तुलना में 228 करोड़ रुपये बढ़कर करीब 1829 करोड़ का राजस्व आएगा।
हिमाचल प्रदेश में नई आबकारी नीति एक जुलाई से लागू हो गई है. 31 मार्च, 2022 तक नौ महीने के दौरान यह नई नीति लागू रहेगी. नई नीति के तहत लाइसेंस फीस और एक्साइज ड्यूटी कम होने से देशी और भारत में निर्मित विदेशी शराब के कम कीमत वाले ब्रांड सस्ते होंगे. लोगों की सहूलियत के लिए इस साल डिपार्टमेंटल स्टोर में भी कुछ शर्तों के साथ शराब बिक सकेगी. विदेशी और महंगी शराब की उपलब्धता बनाए रखने के लिए थोक विक्रेताओं को अब किसी स्टेट कस्टम बांडेड वेयरहाउस से शराब लेने की छूट दी गई है. नई नीति से सरकार को पिछले साल की तुलना में 228 करोड़ रुपये बढ़कर करीब 1829 करोड़ का राजस्व आएगा।
बता दें कि इससे पहले, बीते मार्च में घरेलू सिलेंडर 25 रुपये महंगा हुआ था. फरवरी में तीन बार हुई बढ़ोतरी में सिलिंडर के दाम 100 रुपये बढ़े थे. व्यावसायिक सिलेंडर के दाम 76 रुपये बढ़ गए हैं. ऐसे में ढाबों में खाना महंगा हो सकता है. घरेलू सिलिंडरों पर अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक सब्सिडी कोटे में 12 सिलिंडर मिलेंगे. इससे पहले एक सिलेंडर का रेट 906 रुपये थे. जो अब बढ़ गया है. जनता पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है और सरकारी खजाने भर रहे हैं।