जानकारी के अनुसार, गुरुवार को मामले में सुनवाई हुई. इससे पहले, 15 जून को मामले में दोषी की सजा पर बहस पूरी हुई थी और कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाने के लिए तारीख तय की थी. दोपहर 1.58 मिनट पर दोषी को कोर्ट रूम में लाया गया और जज ने दो मिनट बाद नीलू को दोषी करार दिया।
मामले के सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. शिमला, दिल्ली से लेकर मुंबई तक लोगों ने गुड़िया के लिए इंसाफ की मांग की थी. क्योंकि घटना हिमाचल विधानसभा चुनाव से चंद माह पहले हुई थी, इसलिए मामला ज्यादा भड़का था. भाजपा ने सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को जमकर भुनाया था. जगह-जगह रोष प्रदर्शन किए गए थे और थाने तक को लोगों ने फूंक डाला था।
बता दें कि शिमला जिले के कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा 4 जुलाई 2017 को स्कूल से आने के बाद अचानक लापता हो गई थी. दो दिन बाद 6 जुलाई को उसकी लाश शव दांदी के जंगल में नग्न अवस्था में मिली थी. फॉरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के साथ रेप के बाद हत्या की बात सामने आई थी. शुरूआत में शिमला पुलिस ने इसकी जांच की थी. गैंगरेप की धाराओं में मामला दर्ज किया था और पांच आरोपी भी गिरफ्तार किए थे. एसआईटी जांच से जनता संतुष्ट नहीं थी और सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. ये पांचों आरोपी बाद में बेल पर छोड़ दिए गए थे और सीबीआई की ओर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने में एक आरोपी की संदिग्ध मौत के बाद जनाक्रोश भड़का और कई स्थानों पर उग्र प्रदर्शन हुए. कोटखाई थाना जला दिया गया था. केंद्र की ओर से सीबीआई जांच को लेकर स्थिती स्पष्ट नहीं हो पाई. इस बीच प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिती बिगड़ते देख सरकार सीबीआई जांच को लेक हाई कोर्ट गई और हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश जारी किए थे. सीबीआई ने इस मामले में 13 अप्रैल 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया था।