उनके कार्यकाल में पुलिस ने नशा तस्करी 489 केस दर्ज किए गए. इस दौरान करीब 550 किलो चरस, लगभग 8 किलो चिट्टा, 6 किलो अफीम, 305 किलो गांजा, 468 किलो भुक्की, अफीम डोडा, 7 LSD पेपर, 4.2 ग्राम MDMA, 4 ग्राम कोकीन, 1300 नशीले कैप्सूल और करीब 4 लाख कैश इत्यादि जब्त किए गए. इन सभी मुकदमों में कुल 695 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमे 29 विदेशी नागरिक और 43 नेपाली मूल के आरोपी शामिल हैं. करीब 8 किलो चिट्टे की बरामदगी के साथ 24 अफ्रीकन नागरिकों को दिल्ली से गिरफ्तार किया।
इस अवधि में 15 केसों में 21 चरस और चिट्टा सप्लायर्स की फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करके उनकी करीब 4 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की. इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश को सप्लाई होने वाली चिट्टे की सबसे बड़ी खेप 6.279 किलो को दिल्ली में जाकर जब्त किया. प्रदेश में चरस की सबसे बड़ी खेप 123.488 किलो चरस को सुनियोजित ऑपरेशन में बरामद किया. कुल्लू पुलिस ने 77 नशे के बड़े सप्लायरों, डीलरों और स्मगलरों को टारगेट करके एनडीपीएस की धारा 29 के अन्तर्गत गिरफ्तार किया,.
भांग व अफ़ीम की खेती करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 112 मुकदमे दर्ज करके 50 आरोपियों को गिरफ़्तार किया और करीब 9 लाख अफीम के पौधे और 12 लाख भांग के पौधों को नष्ट किया गया. वहीं, अहम बात यह है कि कम्युनिटी कार्यक्रम के अंतर्गत रुस्तम वालंटियर्स के माध्यम से नशे के खिलाफ युवा व समाज की साझेदारी सुनिश्चित की. कुल्लू पुलिस ने "रूस्तम प्रोजेक्ट" के तहत नशे से प्रभावित युवाओं को मेन स्ट्रीम में लाया. यही कारण है कि कुल्लू जिला की जनता गौरव सिंह के समर्थन में है और कई संगठनों सरकार से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और गौरव सिंह के संस्पेड को रद्द कर बहाल किया जाए।