कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर ने कहाकि कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की दूरदर्शी सोच के चलते पंचायत स्तर पर आशा वर्करों की नियुक्ति की थी, जिसके बाद मौजूदा सरकार ने आशा वर्करों के भबिष्य को सुरक्षित करने के लिए कोई पॉलिसी नहीं बनाई। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि आशा वर्करों के मानदेय में बढ़ौतरी की जाए और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार जल्द स्थायी पॉलिसी बनाए। कोरोना काल में आशा वर्करों ने अपनी जान जोखिम में डालकर घर घर अपनी सेवाएं दी है और इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए सराहनीय प्रयास किए है। उन्होंने कहाकि इस महामारी में डाॅक्टर, स्टाफ नर्सो, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी और पुलिस, होमगार्ड, पंचायत प्रतिनिधियों ने अपना भरपुर योगदान दिया है और कोरोना के खिलाफ फ्रंट लाईन वॉरियर्स की भूमिका निभाई है। वहीं आशा वर्करो ने जिम्मेदारी के साथ अपने परिवार की परवाह किए बगैर दिन रात लोगों को अपनी सेवाएं दी है।
उन्होंने कहा कि यह दुःख की बात है कि इस समय सरकार आशा वर्करों को उचित मान सम्मान मिलना चाहिए नहीं मिल रहा है और 21 वी सदीं में न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है और बिना पॉलिसी के सरकार इनसे काम ले रही है। जिससे इनके परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल है। ऐसे में सरकार को इनके लिए स्थायी पॉलिसी बनानी चाहिए। ताकि इनका भविष्य सुरक्षित हो। उन्होंने कहाकि सोभला साथी ट्रस्ट से 1100 रूपये की सहयोग राशी भेंट की जाएगी। कांग्रेस पार्टी आशा वर्करों की लड़ाई विधानसभा के अंदर और बाहर लड़ेगी।