हिमाचल में अब तक ब्लैक फंगस से छह लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले चार लोगों की जान गई थी. शिमला में दस मरीज अब तक ब्लैक फंगस के आए हैं, जबकि कांगड़ा के टांडा अस्पताल में 7 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज ने बताया कि ब्लैक फंगस एक पुरानी बीमारी है, इसलिए इस से घबराने की जरूरत नहीं है. ब्लैक फंगस डाइबिटिक, स्टेरॉइड और गंदे मास्क पहनने वाले लोगों को हो रहा है।
उन्होंने बताया कि यह क्यों हो रहा है, इस मामले पर अभी शोध किया जा रहा है, जिसके बाद ही कुछ कह सकते हैं. उन्होंने बताया कि IGMC में अब तक 12 मामले आए हैं जिनमें चार मरीजों की मौत हुई है. अभी तक सभी मरीजों की दो से तीन बार सर्जरी हुई है, जिसके चलते कई बार यह मरीज के लिए घातक हो जाती है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस का असर चेहरे पर ज्यादा दिखाई देता है और नाक, जबड़े और आँख पर ज्यादा प्रभाव दिखाई देता है. कई बार यह जानलेवा भी हो जाता है इसलिए लोगों को समय पर ही अस्पताल पहुंचकर इसका इलाज़ करना चाहिए।